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हम सबकी आँखों- देखि, सुनी-सुनाई, या खुद की गठित कहानियां होती है।

चाहे वो आपने आज किसीको सड़क किनारे मार कहते देखा हो, या बहुत हताश होने के बाद कैफ़े में बैठ कॉफ़ी पीना हो। कहानियां हम सभी को आपस में जोड़ने की कड़ियाँ है। और मैं हूँ उस कड़ी को बनाने वाला लोहार। 

 

स्वागत है आपका कहानीकार स्टुडिओज़ में। हम यहाँ कहानियां बुनते, सुनाते और सुनते है। अब चाहे वो कहानी पेपर पर हो या परदे पर।

KAHANIKAR

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ABHAY SHARMA

तू पंख लगा दे सपनों को,
आज़ादी तो तेरी भी है,
तू खोल के बाहें हस भी ले,
खुशी पर हक तेरा भी है,
तू आसमान को जीत ले,
वो शिखर भी तो तेरा ही है,
तू केवल आगे बढ़ते जा,
मंज़िल भी तो तेरी ही है,
तो क्या हुआ कि लोग अब भी,
तुझपर उठाते उंगलियां,
ये वो लोग है जो गैर है,
जिनका बस काम है बोलना,
तू रुकना मत तुझे बढ़ना है,
लोगों की बातों को ना सोचना,
तू थोड़ी मेहनत और कर,

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Competition

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Event Show

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Awards

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RECENT AWARDS

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RECENT EVENT

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AUG, 2023

10 Am - 14 Am

BIRMANGAM

There are many variations of passages of have suffered alteration in some, by injected humour.

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AUG, 2023

10 Am - 14 Am

MOSCOW

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CONTACT WITH ME

तू याद हमेशा ये रखना,

कि मंज़िल तो तेरी भी है,

तू पंख लगा दे सपनों को,

आज़ादी तो तेरी भी है,

तू खोल के बाहें हस भी ले,

खुशी पर हक तेरा भी है।

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