तू पंख लगा दे सपनों को,
आज़ादी तो तेरी भी है,
तू खोल के बाहें हस भी ले,
खुशी पर हक तेरा भी है,
तू आसमान को जीत ले,
वो शिखर भी तो तेरा ही है,
तू केवल आगे बढ़ते जा,
मंज़िल भी तो तेरी ही है,
तो क्या हुआ कि लोग अब भी,
तुझपर उठाते उंगलियां,
ये वो लोग है जो गैर है,
जिनका बस काम है बोलना,
तू रुकना मत तुझे बढ़ना है,
लोगों की बातों को ना सोचना,
तू थोड़ी मेहनत और कर,
तू थोड़ी लड़ाई और लड़,
तू दिखा दे इन सब लोगो को,
की सफलता तो तेरी भी है,
तू आशा कभी ना छोड़ना,
तू बढ़ना कभी ना रोकना,
तू याद हमेशा ये रखना,
कि मंज़िल तो तेरी भी है,
तू पंख लगा दे सपनों को,
आज़ादी तो तेरी भी है,
तू खोल के बाहें हस भी ले,
खुशी पर हक तेरा भी है।